वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-बसपा नेता के कुर्क होटल में कमरों के ताले टूटने के मामले में लेखपाल ने तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है। होटल में पांच कमरों के ताले और पांच के के हैंडल टूटे पाए गए थे। पुलिस ने संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है।
फर्रुखाबाद जिले में गैंगस्टर के आरोपी बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे के होटल में मंगलवार सुबह कमरों के ताले तोड़कर पंखा ले जाने के मामले में लेखपाल ने चौकीदार, होटल कर्मी व अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें कहा कि पांच ताले तोड़े और पांच दरवाजों के हैंडल निकाले गए हैं।
लेखपाल ने होटल कर्मियों पर साजिश में शामिल होने का शक जताया है। फतेहगढ़ के मोहल्ला कसरट्टा निवासी बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे इन दिनों फिरोजाबाद जेल में बंद है। उसका ठंडी सड़क स्थित गुरुशरणम होटल प्रशासन ने कुर्क कर लिया है। होटल की प्रशासक तहसीलदार श्रद्धा पांडेय हैं।
मंगलवार की सुबह चोरों ने मुख्य भवन के हैंडल तोड़कर पांच दरवाजों के ताले तोड़ दिए। साथ ही, पांच अन्य कमरों के दरवाजों के हैंडल तोड़े गए। तहसीलदार के निर्देश पर क्षेत्रीय लेखपाल संजीव दुबे ने राजेपुर थाने के गांव खंडौली निवासी चौकीदार अशोक कुमार, होटल कर्मचारी व अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
सहायक लिपिक को फोन पर दी सूचना
बताया कि तहसीलदार ने होटल की देखरेख के लिए संग्रह अनुसेवक सर्वेश सिंह को नियुक्त किया है। सर्वेश ने मंगलवार सुबह नौ बजे कार्यालय की सहायक लिपिक कामिनी सक्सेना को फोन पर होटल में चोरी की सूचना दी थी। इसके बाद होटल के पूर्व प्रबंधक अभिषेक को लेकर अन्य राजस्व कर्मियों के साथ जांच की।
हो सकती है घटना में संलिप्तता
होटल में पांच कमरों के ताले और पांच के के हैंडल टूटे पाए गए। कहा कि होटल का कर्मचारी रात में देखरेख के लिए नियुक्त है। इसके बावजूद उसने कोई भी सूचना नहीं दी। लिहाजा घटना में संलिप्तता हो सकती है। पुलिस ने संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है। मामले की जांच की जा रही है।
तहसील प्रशासन ने अपने कर्मी को दी क्लीनचिट
कुर्क संपत्ति शासन-प्रशासन के अधिकार में है। प्रशासक तहसीलदार श्रद्धा पांडेय हैं। लिहाजा कुर्क संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा भी प्रशासन का है। शायद इसी को ध्यान में रखकर तहसीलदार ने होटल की देखरेख के लिए संग्रह अनुसेवक सर्वेश सिंह को नियुक्त किया था।
पांच घंटे बाद अधिकारियों को मिली सूचना
सर्वेश सिंह घटना होने के पांच घंटे बाद अपने विभागीय अधिकारियों को सूचना देते हैं, जबकि संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है। इसके बावजूद तहसील प्रशासन ने अपने जिम्मेदार कर्मी को क्लीनचिट देकर निजी चौकीदार और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करवा दिया।